Saturday, March 5, 2016

सरकार ने माल्या को ‘बड़े बिज़नेसमैन’ की जगह ‘5 हज़ार के कर्ज़ वाला किसान’ घोषित किया, अब गिरफ़्तारी से बचना असंभव

नयी दिल्ली. आख़िरकार केंद्र सरकार ने विजय माल्या को गिरफ़्तार करने का तरीक़ा ढूंढ ही निकाला। सरकार ने आज उन्हें 7 हज़ार करोड़ की जगह सिर्फ़ 5 हज़ार रुपये का क़र्ज़दार और दो बीघा ज़मीन का मालिक घोषित कर दिया।

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किसान बनने से बचने के लिये भगवान की शरण में पहुंचे माल्या

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के इस आश्चर्यजनक फ़ैसले की जानकारी देते हुए बताया कि “असल में, माल्या जी को पकड़ने के लिये हमारे पास दो ही ऑप्शन बचे थे। या तो हम उन्हें जेएनयू का स्टूडेंट घोषित करें या कोई छोटा-मोटा किसान!”

“लेकिन जेएनयू का स्टूडेंट बनाने में रिस्क था। वो गिरफ़्तारी के बाद ‘आज़ादी-आज़ादी’ चिल्लाकर हीरो बन सकते थे। इसलिये हमने उन्हें किसान बनाने का फ़ैसला किया।”

“क्योंकि हमारे देश में किसान कब गिरफ़्तार होता है और कब मर जाता है, किसी को कानों-कान ख़बर नहीं होती।” -जेटली जी आंख मारते हुए बोले।

“लेकिन आप उन्हें किसान साबित कैसे करेंगे? वो तो अनगिनत कंपनियों के मालिक हैं, किंग (ऑफ़ गुड टाइम्स) हैं, डॉक्टर हैं, पायलट हैं, एमपी हैं और भी पता नहीं क्या-क्या हैं!”, “हमने इसका तोड़ भी ढूंढ लिया है” -जेटली जी ने मुस्कुराते हुए कहा।

“हम उनके घर में चुपके से पासपोर्ट की जगह बीपीएल वाला राशन कार्ड रखवा देंगे और उनकी ढाई सौ कारों के बीच में एक टूटी सी बैलगाड़ी और एक हल रखवा देंगे। बस, हो गया काम!” -तभी उनके मोबाइल पर ‘प्रिंस सिड’ नाम के किसी बंदे की कॉल आ गयी और वो उसे सुनने के लिये साइड में चले गये।

फिलहाल इस ख़बर पर हमें श्री माल्या की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है क्योंकि इस समय वो पार्लियामेंट में बजट पर डिस्कशन कर रहे हैं।

लेकिन सरकार के उन्हें किसान घोषित करते ही सीबीआई, सीआईडी, ईडी, पुलिस और दुनिया भर के बैंकों ने रिकवरी नोटिस और गिरफ़्तारी वारंट लेकर उनके घरों पर धावा बोल दिया। अब पुलिस पूछताछ के नाम पर उनके परिवार वालों और दूर-दूर के रिश्तेदारों को भी उठा-उठाकर थाने ला रही है।

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