Tuesday, March 29, 2016

भगवा रंग का मीट सूंघने में हमारी प्रजाति को होती है दिक्कत, गिद्धों के राजा गिद्धराज ने किया दावा

नई दिल्ली: गिद्धों के राजा गिद्धराज छातिपीट जी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में ये कुबूल किया है के भगवा रंग का मीट सूंघने में उन्हें और उनकी प्रजाति के सभी पक्षियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है| इसी कारण भगवा रंग का मीट नोच कर खाने गिद्धसेना समय पर नहीं पहुँच पाती| यद्यपि किसी और प्रकार का मांस हो तो उसकी सुगंध से गिद्धसेना मिनटों सेकेंडों में खींची चली आती है|

यही तो हैं भगवा आतंकवाद

“यही तो हैं भगवा आतंकवाद”

दुखी स्वर में गिद्धराज ने बताया, “हमने पक्षियों के काफी डाकटरों को दिखाया पर कोई हल नहीं निकला| भगवा मीट न सूंघ पाना शायद हमारी प्रजाति के जेनेटिक डिज़ाइन का हिस्सा है| यानि के जब से हमारी प्रजाति इस देश में आई है, हम केवल कुछ निर्धारित रंगों का मीट ही सूंघ पाते हैं| उसी प्रकार के मीट को नोचकर खाने हम जल्दी पहुँच जाते हैं| और उस प्रकार के मीट हम हड्डियों तक नोच जाते हैं, बड़ा ही आनंद आता है| ऐसे मीट को कई कई दिनों तक हम नोचते रहते हैं, जब तक वो मीट सड़ न जाए| हम में से कुछ गिद्ध तो इतने भूखे होते हैं के सड़ा मांस भी नहीं छोड़ते|”

सियारों के राजा सियारराज ने भी कुछ ऐसे ही जेनेटिक डिफेक्ट के बारे में बात की जिस कारण सियार प्रजाति केवल कुछ ही प्रकार के मांस की सुगंध पाकर विलाप करती है| सियाराज चूड़ीतोड़ ने कहा, “गिद्धों की तरह हमारी प्रजाति में भी कुछ विशेष जेनेटिक डिफेक्ट है| हम भगवा रंग के मांस को सूंघ कर विलाप नहीं कर पाते| बाकी सभी प्रकार का मांस सूंघ कर हम एकदम से रुदाली विलाप करने लगते हैं|”

पशु पक्षियों के विशेषज्ञ डाकटर कवीश कुलविहिन ने भी इस मामले में अपनी राय दी| उन्होंने कहा, “पशु और पक्षियों में पहले ऐसे बीमारियां नहीं पायी जाती थीं| परन्तु इतने हज़ारों वर्षों से हमारा मांस खाते रहने के कारण, अब पशु पक्षी भी हमारे सामान ही हो गए हैं| अब तो कुछेक इंसानों को देख कर यह कहना भी मुश्किल हो गया है के ये इंसान है या लाश का मांस नोचने वाला गिद्ध?”

Disclaimer: This article has NOT been edited or written by the Faking News editorial team for publication as a mainstream article. This is a user generated content, and could be unusually better or worse in quality than an article published on the mainstream Faking News website. You too can write your own news report on My Faking News

No comments:

Post a Comment