Thursday, March 3, 2016

बजट में 10 लाख से ऊपर की कारें महंगी हुईं, जाट-गुज्जरों ने विरोध में दिल्ली की सड़कें खोदीं

नयी दिल्ली. जाट आरक्षण आंदोलन की मार झेलने के बाद दिल्ली-एनसीआर के लिये अब एक नयी मुसीबत खड़ी हो गयी है। रेल की पटरियों को उखाड़ने के बाद अब जाटों ने सड़कों को खोदना शुरु कर दिया है। और इस ‘सड़क खोदो आंदोलन’ में उनके साथ गुज्जर भी मिल गये हैं।

Jat Protest

सड़क खोदने के लिये दौड़ते जाट-गुज्जर युवक

ये दोनों समुदाय इस बात से नाराज़ हैं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में 10 लाख रुपये से ऊपर की कारों को महंगा कर दिया है। उधर जेटली ने संसद में ये एलान किया और इधर जाट-गुज्जर समुदाय के हज़ारों लोग कुदाल, फावड़े और जेसीबी लेकर सड़कें खोदने निकल पड़े।

इस नये आंदोलन ने नये पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा के हाथ-पांव फुला दिये हैं। फ़ेकिंग न्यूज़ के सामने अपनी लाचारी जताते हुए उन्होंने कहा, “हमारे ज़्यादातर जवान रेल की पटरियों को बचाने में लगे हुए हैं। अब सड़कों को बचाने के लिये एक्स्ट्रा फ़ोर्स कहां से लाऊं!”

“वैसे तो ये जाट-गुज्जर हमेशा एक-दूसरे की मां-बहन करते रहते हैं, पर एसयूवी जैसे मुददे पर तुरंत एक हो जाते हैं।” -अपने हेडक्वार्टर के सामने की सड़क को बचाने के लिये हेलमेट पहनते हुए वर्मा ने कहा।

फिलहाल हालत ये है कि दोनों समुदायों के लोगों ने जगह-जगह सड़क खोदकर अपनी गाड़ियां आड़ी-तिरछी खड़ी कर दी हैं।

मुनीरका में सड़क खोदकर गड्ढ़े में बैठे हुक्का पीते हुए राजबीर टोकस नाम के एक अधेड़ जाट ने कहा- “एक तो हमैं बजट में आरक्षण नहीं दिया और ऊप्पर सै म्हारी गाड़ी महंगी कर दी। इस जेटली नै तौ हमैं किसी रिस्तेदारी में आणे-जाणे लायक बी नयी छोड़ा।”

“कदी कहै कै बस मैं चलो, कदी कहै कार पूल करो। यू सरकार हमैं दिल्ली मैं रहण देगी कै नई!” -मयूर विहार में अपनी फ़ॉर्चुनर के बोनट पर हॉकी स्टिक मारते हुए एक आक्रोशित गुज्जर युवक ने कहा।

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