Tuesday, January 19, 2016

एक शोध के अनुसार महादेव भूकम्प के दोषी

सुबह ही खबर पढ़ी के हिन्दूओं के अगरबत्ती धूप और मृत्यु के पश्चात शव जलाने जैसी प्रथाओं से ग्लोबल वार्मिंग में इजा़फा हो रहा है| पहले से ही मैं हिंदू कस्टम्स और फेस्टिवल्स के अगेन्स्ट लोगों को अवेयर करता आया हूँ, इस साल तो दिवाली पर पटाखे भी नहीं जलाए पर फिर सोचा के पड़े पड़े खराब हो जाएंगे तो कुछ क्रिसमस और बाकी न्यू ईयर पे जला दिए, कॉलोनी में कूल और प्रोग्रेसिव दिखना भी ज़रूरी है अब|

पड़ोस के पोल्टूदास एक एन.जी.ओ चलाते हैं| “सादा जीवन उच्च विचार” यही उनका प्रिन्सिपल है| हालाकि घर में ए.सी माइक्रोवेव कार सब है पर अब इतना तो चलता है सोशल वर्कर जो ठहरे देश के लिए कितना कुछ करते हैं| गार्डन में एस्प्रेसो कॉफी पीते हुए मेरी उनकी इनटेलेक्चुअल डिस्कशन होने लगी|

मैं: सर आज द कैकोग्राफ पे न्यूज़ पढ़ी आपने?
पोल्टू जी: यस, आई एम डीपली कंसर्न्ड (concerned) नाउ वॉट विल हैपन यही होता रहा तो|
मै: (मुँह में बीफ पकौड़े का टुकड़ा डालते हुए) हम भी बहुत वरीड हैं, बड़ी मुशकिल से तो सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू पर बैन लगाई थी जानवरों पर इतनी एट्रोसिटी (atrocity) हमसे नहीं देखा जाता|
पो़: क्या बोले कुछ बोलो तो जवाब आता है आप नॉनवेजिटेरियन हैं पहले वो बंद कीजिए कुछ बोलने का आपको राइट नहीं|
मैं: हुह वॉट लॉजिक इस दिस, ये सब भी तो हिंदू कल्चर का हिस्सा है हिपोक्राइट हैं सब|
पो: सामने वाले शर्मा जी तो हर महीने हवन और रोज़ ही धूप अगरबत्ती जलाते हैं आधा पॉल्यूशन तो इन्ही सब से हो रहा है|
मैं: अच्छा याद दिलाया चर्च जाना है आज कैंडल्स लानी है|
पो: शर्मा जी हमें बोलते हैं के बीफ बकरा ये सब पकाने में भी तो कॉर्बन एमिशन होता है हम बोले अब आपसे पूछकर खाना खाएं क्या कुछ पर्सनल लिबर्टी नाम की भी चीज़ होती है|
मैं: कोई भी फेस्टिवल या प्रथा ले लीजिए हिंदूओं की सब अर्थोडॉक्स (orthodox) मिसोजिनिस्ट (misogynist) या फिर पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं|
पो: जी हमने कहा बुर्खे की बात करते हैं ये लोग आज कल का ज़माना इतना ख़राब चल रहा है, बुर्खा इज़ सिम्बल ऑफ वूमन्स डिग्निटी (dignity) हिंदुओं की तरह सती तो नहीं करते वो विमेन को|
मैं: आज भी सती प्रथा होती तो कम से कम इन लोगों को इन का ट्रू (true) फेस दिखा पाते|
पो: और ये फ्यूनरल पायर की कस्टम, जलाने में इतनी लकड़ियाँ वेस्ट होती हैं|
मै: आई अग्री विद यू, अरे दास जी आपका क्रिस्मस ट्री अभी तक यही पड़ा है|
पो: बचा कर रखा है ठंड में यही गॉर्डन में बार्बेक्यू पार्टी होस्ट करते हैं तब जलाने के काम आएगा|
मैं: ओह गुड गुड, हर साल फ्लड, अर्थक्वेक (earthquake) से कितनी लाइफ जाती हैं फिर भी इन लोगों को चिंता नहीं है|
पो: सुना है ये लॉर्ड महादेव का तांडव इज रिस्पॉन्सिबल फॉर कैटस्ट्रॉफ|
मै: और नहीं तो क्या, हिन्दुओं का कर्मा ही ऐसा है महादेव की थर्ड आई तो खुलनी ही है|
पो: (मुँह मे से सिगार निकालते हुए) और फिर तो महादेव भी कई मौतों के रिस्पांसिबल हैं
मैं: वो कैसे?
पो: हर साल सिगरेट पीने से कैंसर के वजह से कितनी मौते होती है, महादेव्स चिलम स्टारटेड ऑल दिस|
मै: यू आर ऐब्सोल्यूटली राइट, इसी बात पर याद आया ये राम मंदिर की न्यूज़ सुनी आपने?

पो: हू (who) राम, साइंटिफिक डाटा है हमारे पास कोई राम नाम के गॉड नहीं हैं, हिंदू का ३३ करोड़ गॉड्स हैं बताईए भला एक का भी प्रूफ है किसी के पास|
मैं: हम सोच रहे थे के क्यों न महादेव के अगेन्स्ट पेटीशन फाइल की जाए भूकम्प और कैंसर से हुई डेथ्स के कल्प्रिट हैं और साथ ही कैलाश माउन्टेन का नाम “माउंट मो” किया जाए, इस्लाम और क्रिश्चन ब्रदरहुड का सिम्बल होगा|
पो: आईडिया तो अच्छा है कल ही मक्सूद और जॉर्ज से बात करता हूँ|
मैं: चलता हूँ अब, वसीम की मैरिज है आज|
पो: कूल, सुना है गर्ल इज़ हिंदू अच्छा है नही तो हिंदू कल्चर के चक्कर मे पड़ जाती और इन्वायरमेंट पल्यूट होता|

by @brawling_virago

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