नई दिल्ली. बुधवार को भारतीय संसद में भूकम्प के कई झटके महसूस किये गए| पहला झटका भारतीय समयानुसार शाम ४ बजे के लगभग महसूस किया गया| जैसे ही सत्ता धारी पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर बोलने के लिए खड़े हुए, पश्चिम-विपक्षी और वाम-विपक्षी इलाको में भूकम्प के तीव्र झटके महसूस किये जाने लगे| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पहले इस भूकम्प को भांपा और तुरंत सदन के बाहर चले गए| हालांकि जब उन्होंने अपने अन्य साथियो को बाहर आते नहीं देखा तो वो इसे मारिजुआना का दुष्प्रभाव समझ कर वापस आ गए|
किन्तु अभी मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बोलना शुरू ही किया था की भूकम्प के झटके फिर से महसूस होने लगे| ये दूसरा भूकम्प और भी ज़्यादा ज़ोरदार था और विपक्ष को ज़रा भी सँभालने का मौका नहीं मिला| रिक्टर स्केल पर जहाँ पहले भूकम्प की तीव्रता ६.८ मापी गयी थी तो वही दुसरे भूकम्प की तीव्रता १२.४ मापी गयी|
भूकम्प का केंद्र JNU से १२ किलोमीटर लोक सभा में बताया गया है|
कितना हुआ नुक्सान?
स्मृति ईरानी का भाषण ख़त्म होते होते विपक्ष में भारी तबाही हो चुकी थी | बसपा और तृणमूल जैसे छोटी पार्टियो को मलबे से बाहर निकाला चूका है पर अभी भी कई पार्टियो के मलबे में दबे होने की आशंका है| राहत कर्मियों के अनुसार १-२ कांग्रेसी नेताओ को छोड़ अभी तक किसी का भी नामो-निशाँ देखने को नहीं मिला है| कांग्रेस की मलबे में सबसे ज़्यादा गहरायी में दबे होने की आशंका जताई जा रही है|
और कहाँ-कहाँ पर अाया भूकम्प?
भूकम्प इतना ज़ोरदार था की इसके झटके संसद के बाहर गुडगांव और नॉएडा स्थित टीवी स्टूडियो में भी महसूस किये गए| कुछ टीवी स्टूडियोज में तो इतनी ज़्यादा क्षति पहुंची है की मलबे हटाने में ही ५-६ दिन लगने का अनुमान बताया जा रहा है| कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ये झटके अर्नब गोस्वामी द्वारा दिए गए झटको से भी ज़्यादा ज़ोरदार थे|
रात भर खुले में गुजारी रात!
भूकम्प से लोग आदर्श लिबरल्स इतने ज़्यादा डरे हुए थे की रात में किसी ने भी न्यूज़ स्टूडियो में जाने से इंकार कर दिया| भूकम्प के फिर से आने के दर से उन्होंने खुले में ही बिना किसी न्यूज़ स्टूडियो के ही रात गुज़ारना पसंद किया|
और भी आ सकते है झटके!
भूकम्प विशेषज्ञों ने आदर्श लिबरल्स को चेतावनी देते हुए कहा है की आने वाले दिनों में इस प्रकार के भूकम्प और भी आ सकते है| संभावित भूकम्प का केंद्र भी न्यूज़ हावर् स्टूडियो अथवा लोकसभा भी हो सकता है|
शोक का माहोल:
इस भारी तबाही से पूरे विपक्ष में शोक का माहोल है| JNU में वामपंथी संगठनो ने ३ दिवसीय शोक का ऐलान किया है और सभी माओइस्ट केन्द्रो में लाल झंडा आधा झुका रहेगा|
सोशल मीडिया पर भी लोगो ने पीडितो के प्रति अपनी संवेदनाए व्यक्त की है| शाम से ही #TigressSmritiIrani ट्रेंड करने लगा था| कुछ लोगो के ट्वीट्स बहुत ही ज़्यादा मार्मिक और भावुक थे|
प्रधानमंत्री ने भी स्थिति का जायज़ा लिया और तबाही से हुई नुक्सान के भरपाई हेतु राहत पैकेज का एलान किया है| पैकेज की रकम पहले २१०० करोड़ तय की गयी थी, लेकिन भूकम्प पीड़ित राजदीप सरदेसाई की विनती पर राशि को घटा कर २००२ करोड़ रूपये कर दी गयी है|
(reporter can be found on Twitter at @raghav_uvaach)
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