Sunday, February 28, 2016

“अगर सेक्स मिल रहा होता तो इतना विरोध कैसे”: जे.एन.यू मसले पर कमाल खान ने तोड़ी चुप्पी

दुबई: विश्व भर में प्रसिद्ध हो रहीं जे.एन.यू के छात्रों की क्रांतिकारिक गतिविधियोँ ने हाल ही मैं एक नया रुख ले लिया है. अगर रामगढ़ (सिप्पिस्तान) के एक (बी.जे.पी) एम एल ए की माने तो जे.एन.यू में हर रात पार्टी का माहोल रहता है. छात्र एवं छात्राएं नग्न वेशभूषा मैं थिरकते हुए नज़र आते हैं.

‘अगर गलत बात की तो’- कमाल जी

‘अगर गलत बात की तो’- कमाल जी

जे.एन.यू स्थित उस्मान मियां की पान की थड़ी पे रोज़ रात भरी मात्रा में गांजा और चरस की उधार बिक्री होती है. इतना ही नहीं आस-पास के दवाइओं की दुकानों की मानें तो हर रात तकरीबन ३००० के करीब कंडोम की बिक्री तो वहां आम सी बात है.

बी.जे.पी. एम.एल.ए. के इस शोधकार्य पर प्रश्न उठाते हुए सर्व-श्रेष्ठ अभिनेता कमाल खान ने कहा, “अगर सेक्स मिल रहा होता तो इतना विरोध कैसे?” हालाँकि ड्रग्स के नंगे नाच पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी देने से इनकार करा पर सेक्स के विषय पर अपनी आँखें गड़ाए, बौखलाते हुए हमसे पुछा, “कभी किसी को कामोत्तेजना की चरम अवस्था से बिना कार्य संपन्न किये वापस आते हुए देखा है?” ठीक उसी प्रकार का बयां दिया है रामगढ़ के एम.एल.ए ने. अरे भाई, जब कंडोम यूनिवर्सिटी मैं पड़े हुए मिल रहे हैं तो यानि उनका उपयोग किये बगैर ही फेंका गया है. अब ऐसी निराशा जनक अवस्था में ही तो युवा लोग भड़कते और भड़काते हैं.

एम.एल.ए के विचारों पर व्यंग्य करते हुए कमाल जी ने उन्हें सलाह दी है की, “कंडोम और गुब्बारे में फर्क जान ले, १ बच्चों के खेलने की चीज़ होती है और दूसरे के कारण बच्चे खेलते हैं.” बातचीत के दौरान एम.एल.ए को २ रुपए पीपल के पद से नवाज़ते हुए कमाल जी ने आम जनता से एक गुज़ारिश की है की ‘सेक्स सम्बन्धी मामलों मैं कोई कभी भी अपने विचार प्रकट करने से पहले मुझसे सलाह लें.’

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