वॉशिंगटन/दिल्ली. सैन बर्नाडिनो वाले आतंकी के आईफ़ोन को अनलॉक कराने के लिये दर-दर की ठोकरें खा रही एफ़बीआई को अब भारत में उम्मीद की किरण नज़र आ रही है।
दिल्ली के गफ़्फ़ार मार्केट के कई दुकानदार उस आईफ़ोन को अनलॉक करने के लिये राज़ी हो गये हैं। कुछ दुकानदार तो इस काम को डेढ़ सौ रुपये में भी करने को तैयार हैं, तो वहीं कुछ दुकानदार इसे टूरिस्टों से कमाई का बढ़िया चांस मान रहे हैं।
एफ़बीआई वालों को मार्केट के बाहर से ही लपकने के इंतज़ार में खड़े प्रिंस नाम के लड़के ने हमारे संवाददाता से कहा कि “वो एफ़बीआई वाले एक फ़ोन खुलवाने के लिये फालतू में कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पड़े हैं। एक बार हमें लाकर तो दिखायें, हम दो मिनट में सारा ‘खोलकर’ रख देंगे।”
प्रिंस ने राज़ खोलते हुए आगे बताया कि “एक्चुअली, ओबामा ने हॉटलाइन पे मोदी से रिक्वेस्ट की थी कि नमो भाई, आप लोग तो हर चीज़ का काई ना कोई जुगाड़ ढूंढ लेते हो। इस आईफ़ोन का भी कुछ करो ना प्लीज़!”
“तब मोदी जी ने ओबामा को हमारी शॉप का एड्रेस दिया और कहा कि गुरिंदर भाईसाब से मिल लो, काम हो जायेगा।” -यह कहकर राजू एक ग्राहक को गानों से भरी पेन ड्राइव बेचने में बिजी हो गया।
उधर, एपल के सीईओ टिम कुक इस ख़बर को सुनकर परेशान हो गये हैं। उन्होंने अपने दो कर्मचारी भारत रवाना कर दिये हैं ताकि वो राजू और गुरिंदर को ऐसा करने से रोक सकें।
जब कुक से पूछा गया कि “अब तो बिल गेट्स भी कह रहे हैं कि आपको वो आईफ़ोन अनलॉक कर देना चाहिये”, तो कुक ने जवाब दिया कि “ये हमारा आईफ़ोन है, माइक्रोसॉफ़्ट की विंडो नहीं, जिसे कोई कहीं भी खोलकर बैठ जाये।”
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