दिल्ली- अपने दो कौड़ी के बयानों के लिए मशहूर महान क्रांतिकारी कन्हैया कुमार ने दावा किया है की टीम इंडिया की जीत में उसका सबसे बड़ा योगदान है। कन्हैया ने कहा की जब हार्दिक पंड्या आखिरी बॉल फ़ेंक रहे थे तब मैंने ही धोनी को अपना ग्लव्स निकालने का सन्देश भेजा था, क्योंकि मुझे लगता था की इसी से बांग्लादेश को आज़ादी मिल सकती है।
जब हमने पूछा की आपने मैदान के भीतर मैसेज कैसे भेज दिया, धोनी के पास तो फोन भी नहीं था ? तो कन्हैया कुमार ने रिपोर्टर को खड़े खड़े मनुवादी घोषित कर दिया और दो चार “आदरसूचक” शब्दों से हमारे रिपोर्टर को सम्मानित किया। साथ ही हमारे रिपोर्टर को अपना आईक्यु चेक करवाने की सलाह भी जारी कर दिया।
कन्हैया के इस बयान का शशि थरूर ने खुलकर समर्थन किया है। कन्हैया की तुलना गैरी सोबर्स से करने के बाद उन्हें देश का सबसे अच्छा क्रिकेट का जानकार बताया है। थरूर ने कहा है कि ऐसे “कालजयी” आईडिया कन्हैया ही दे सकते हैं, हमें उन पर नाज़ है। जब रिपोर्टर ने शशि थरूर से पूछा की एक ओवर में कितने गेंद होते हैं, तो वो भड़क गए और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जाने के लिए टिकट बुक करने में मशगूल हो गए।
कांग्रेस के एक और प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी इसका समर्थन किया है। हालाँकि उनके बयान में इस्तेमाल किए गए अंग्रेजी के शब्दों का अर्थ पता नहीं चल पा रहा है, अंग्रेजी के कई विद्वान डिक्शनरी लेकर उन शब्दों का अर्थ ढूंढ रहे हैं, विद्वानों को जैसे ही उन शब्दों का अर्थ मिल जाएगा हम आपको बता देंगे की आखिर मनीष तिवारी ने क्या कहा है।
कथित रूप से दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया की ” मानव जाति के इतिहास में अग्नि के आविष्कार के बाद ये सबसे बड़ी खोज है, ग्लव्स निकालने का दिमाग देने के लिए कन्हैया का शुक्रिया”
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