मुंबई- भारत देश का ऐसा कोई बच्चा नहीं है जिसने बचपन में चीन के बने प्लास्टिक के खिलौने से ना खेला हो । और चीन का बना कोई ऐसा खिलौना नहीं है जिसे इंडिया के बच्चे ने दो दिन में नहीं तोड़ा हो।
लेकिन जो कभी नहीं हुआ था वो आज हो गया। हुआ यूँ की मुंबई में रहने वाले प्रशांत अवस्थी (कोई न जाने इसलिए हमने इनका नाम बदल दिया है) (only for FN readers-वैसे इनका असली नाम प्रशांत ही है) ने बताया कि “दो दिन पहले मैंने अपने बेटे के लिए एक खिलौना लिया था। मैंने सोचा की मेरा बेटा इसे, दो दिन में तो, तोड़ ही देगा, लेकिन आज सुबह जब मैं उठा तो मुझे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था। वो खिलौना बिलकुल सही सलामत था। मुझे चीन के लोगों से ये आशा नहीं थी। सोसाइटी में लोग मेरी खिल्ली उड़ा रहे हैं की उसका बेटा चाइनीज खिलौने को दो दिन में भी नहीं तोड़ पाया।”
वहीँ कई पड़ोसियों ने आरोप लगाया की प्रशांत अपने बेटे को “ताकत बढाओ चूर्ण” नहीं खिलाता है, इसीलिए उसका बच्चा खिलौने को नहीं तोड़ पाया। इस आरोप को प्रशांत की पत्नी राधिका अवस्थी (बदला हुआ नाम) (only for FN readers-वैसे इनका भी असली नाम राधिका ही है) ने सिरे से ख़ारिज किया है, और कहा है की वो अपने बच्चे को, हर वो चीज खिलाती है, जो आजकल फैशन में है। हम पोलियो पिलाना भूल जाते हैं लेकिन चूरण खिलाना नहीं भूलते।”
प्रशांत के पिताजी यानि बच्चे के दादाजी ने बताया कि “पडोसी हमसे जलते हैं इसलिए ऐसी बातें कर रहे हैं। हम अपने पोते को शान से पालते हैं। ये भी तो हो सकता है की चाईना वालों ने एक दो पीस ओरिजिनल बना दिया हो। हमारे पोते के शारीरिक बल का इस खिलौने से कोई सम्बन्ध नहीं है।”
घर के सभी सदस्यों ने चीन पर असली माल बेचने का गंभीर आरोप भी लगाया है। इस पर खिलौना बनाने वाली कंपनी ने बयान जारी कर कहा है की ये हमें बदनाम करने की साजिश है, हम ऐसी मजबूत चीजें बनाते ही नहीं हैं।
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